तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का निधन

जयललिता जयराम (24 फ़रवरी 1948 – 5 दिसम्बर 2016) भारतीय राजनीतिज्ञ तथा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं। वो दक्षिण भारतीय राजनैतिक दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की महासचिव थीं। इससे पूर्व वो 1991 से 1996, 2001 में, 2002 से 2006 तक और 2011 से 2014 तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं। राजनीति में आने से पहले वो अभिनेत्री थीं और उन्होंने तमिल के अलावा तेलुगू, कन्नड और एक हिंदी तथा एक अँग्रेजी फिल्म में भी काम किया है। जब वे स्कूल में पढ़ रही थीं तभी उन्होंने ‘एपिसल’ नाम की अंग्रेजी फिल्म में काम किया। वे 15 वर्ष की आयु में कन्नड फिल्मों में मुख्‍य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी थीं। इसके बाद वे तमिल फिल्मों में काम करने लगीं। 1965 से 1972 के दौर में उन्होंने अधिकतर फिल्में एमजी रामचंद्रन के साथ की।
jaylalitha

फिल्मी करियर के बाद उन्होने एम॰जी॰ रामचंद्रन के साथ 1982 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने 1984 से 1989 के दौरान तमिलनाडु से राज्यसभा के लिए राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया। वर्ष 1987 में रामचंद्रन का निधन के बाद उन्होने खुद को रामचंद्रन की विरासत का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। वे 24 जून 1991 से 12 मई 1996 तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्‍यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रहीं। अप्रैल 2011 में जब 11 दलों के गठबंधन ने 14वीं राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल किया तो वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने 16 मई 2011 को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लीं और तब से वे राज्य की मुख्यमंत्री पद पर रहीं। राजनीति में उनके समर्थक उन्हें अम्मा (मां) और कभी कभी पुरातची तलाईवी (‘क्रांतिकारी नेता’) कहकर बुलाते हैं।
5 दिसम्बर 2016 को रात 11:30 बजे  चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में इनका निधन हो गया।

15 thoughts on “तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का निधन”

  1. 5 दिसम्बर 2016 रात से तमिलनाडु की सीएम के लिए बहुत कुछ कहा जा रहा है। 'निकल ली', 'निपट गई', 'बोझ कम हुआ'। भारतवर्ष की संस्कृति ये नहीं है। माना राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं।
    लेकिन,मनभेद नहीं होना चाहिए। हमारी संस्कृति में तो मरणासन्न दशानन को भी सम्मान से विदा करना सिखाया गया है।
    कृपया सोचें,विचारें फिर ऐसा कुछ लिखें !!
    तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को अश्रुपूर्ण विनम्र श्रन्धांजलि !!
    ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें !!

  2. पहचान कफन से नही होती है "दोस्तों"!
    "लाश के पीछे "काफिला"!
    "बयाँ कर देता है "रुतबा" हस्ती का

  3. भारत का हर नागरिक जयललीता (अम्मा) को श्रद्धांजलि अर्पित करता है ।

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